तूने तो कहा था माँ,
शादी में समझौते करने पड़ते हैं,
तूने ये क्यों ना बताया माँ,
सब समझौते खुद से ही करने पड़ते हैं,
समझौता खुद के सपनो से,
समझौता खुद के अपनों से,
समझौता खुद की ख़ुशी से, अरमान से,
समझौता अपने उसूलों से,आत्मसम्मान से,
समझौता अपनी आज़ादी से, अपने संस्कार से,
समझौता अपने पहनावे से, अपने विचार से,
समझौता अपनी हर सुकून भरी शाम से
यहाँ तक की अपनी पहचान से, अपने नाम से,
तूने ये तो कहा था माँ,
शादी में समझौते करने पड़ते हैं,
तूने ये नहीं बताया माँ,
सब समझौते बस हमे ही करने पड़ते हैं !!
अपूर्वा यादव काम्बोज
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