गलती तो तुमसे हुई है बहु

//गलती तो तुमसे हुई है बहु

गलती तो तुमसे हुई है बहु

 

सीमा और राहुल की एक महीने बाद शादी होने वाली थी। राहुल दो तीन दिन से कुछ परेशान सा था। सीमा के बार बार पूछने पर उसने आज ऑफिस के बाद एक रेस्टोरेंट में मिलके बात करने के लिए उसे बुलाया था। सीमा बस सुबह से इसी सोच में थी कि सब ठीक तो होगा। कहीं राहुल के मम्मी पापा ने इस रिश्ते से नाराज़गी तो ज़ाहिर नहीं कर दी। ये सब सोच कर उसका काम में भी ध्यान नही लग रहा था और वो जल्दी से शाम होने का इंतज़ार कर रही थी।

सीमा और राहुल की लव मैरिज थी। दोनो एक दूसरे को चार साल से जानते थे। सीमा एक खुले विचारों वाली मॉडर्न और कॉन्फिडेंट लड़की है। उसके मम्मी पापा एक एक्सीडेंट में कुछ साल पहले गुज़र गए थे और सीमा का और कोई नही था; फिर भीउसने अपनी पढ़ाई पूरी कर खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया था।राहुल को उसकी यही बात बहुत पसंद आयी थी। राहुल के ख्याल उससे बिल्कुल मिलते थे पर राहुल का परिवार पुराने ख्यालों का था। उन दोनो को उम्मीद नही थी कि राहुल का परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करेगा पर जब उसके मम्मी पापा ने सहज ही हामी भर दी तो दोनो बड़े हैरान हुए थे।

जैसे तैसे दिन कटा और सीमा राहुल से मिलने रेस्टोरेंट पहुंची। राहुल पहले से ही उसका इंतेज़ार कर रहा था।“क्या हुआ राहुल जल्दी बताओ सुबह से मेरा मन बड़ा बेचैन हो रहा है? “ सीमा ने बैठते ही पूछा। “ कोई घबराने की बात नहीं है सीमा बस मन मे एक विचार था पर कहीं तुम नाराज़ ना हो जाओ ये सोच कर कुछ कह नही पा रहा हूं तुमसे।“ ऐसी क्या बात है राहुल आज से पहले तो तुम कभी नही हिचकिचाए; कहो मै नाराज़ नही होऊंगी”। वो बात ये है की तुम तो जानती हो मैं एक छोटे से गांव से हूं। वहाँ का रहन सहन; तौर तरीके सब बहुत अलग हैं। शादी गांव में है और कुछ दिन तो हमे गांव में ही रहना होगा तो अगर तुम हमारे तौर तरीके से रहोगी तो अच्छा रहेगा।

सीमा के कुछ जवाब ना देने पर राहुल ने समझाते हुए कहा “ देखो सीमा कुछ ही दिनों की बात है। एक हफ़्ते में हम वापिस मुम्बई आ जाएंगे फिर तुम जैसे मर्ज़ी रहना। मेरे मम्मी पापा को समाज़ से कुछ सुनना नही पड़ेगा। आगे तुम्हारी मर्ज़ी।“ सीमा ने झट से राहुल की बात मान ली क्योंकि वो भी ससुराल में सबको खुश रखना चाहती थी। उसने राहुल से सब समझ लिया। उसे जान कर बड़ी हैरानी हुई कि आज भी गांव में पर्दा प्रथा है। पर कुछ ही दिन की बात है ये सोच कर वो मान गई।

एक महीने के बाद दोनों की शादी हो गयी और अगले दिन वादे के मुताबिक सीमा साड़ी पहन कर सिर पे पल्लू रख कर बाहर आई। उसकी सास सरिता जी उसे देखकर कुछ खास खुश नहीं हुई पर इससे पहले वो कुछ कहतीं मुँह दिखाई के लिए मेहमान आने शुरू हो गए। पूरा दिन रीति रिवाजों में गुज़र गया। शाम को जब मेहमान चले गए सीमा भी अपने कमरे में आराम करने जाने लगी कि सरिता जी ने आवाज़ लगाकर उसे अपने कमरे में बुलाया। सीमा को पता था ज़रूर उससे कोई गलती हुई होगी।

उसने कमरे में आते ही सरिता जी से कहा “ मम्मी जी शायद मुझसे आज कुछ गलती हो गयी है; मैं तो यहाँ के तरीकों से अनजान हूँ; जैसा राहुल ने बताया मैने सब वैसे ही किया है। आप जैसा बताएंगी कल से वैसे ही करने की कोशिश करूँगी।“

“ गलती तो तुमसे हुई है बहु; चाहे राहुल के कहने पे ही सही। तुम्हे नही पता था तो राहुल से नही मुझसे पूछना चाहिए था “। सरिता जी ने थोडी सख्ती से कहा। सीमा रुआँसा हो गई और सिर झुकाकर खड़ी हो गयी कि तभी सरिता जी ने आकर बड़े प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा। सीमा ने हैरानी से ऊपर देखा तो सरिता जी मुस्कुरा रहीं थी। उन्होंने राहुल को भी बुलवाया और राहुल को थोड़ा डांटते हुए बोलीं “ आज तुम्हारी वजह से पहले ही दिन मेरी बेटी समान बहु इतनी असहज महसूस कर रही थी। तुम्हे किसने कहा था इससे ये सब करवाने को? फिर वो सीमा से प्यार से बोलीं “ बेटा मैं मानती हूं कि हम आज भी सालों पुराने रिवाज़ों के हिसाब से जी रहे हैं। पर हम तो शुरू से इस माहौल में रहें हैं और शायद इसीलिए हमे ये पसंद भी है पर हम ये भी जानते है कि तुम आज के ज़माने की लड़की हो और बहुत अलग ढंग से पली हो। हमने तुम्हे जैसी हो वैसे ही पसंद किया है; फिर हम तुम्हे बदलना चाहें तो ये गलत होगा।हमारी संस्कृति और परंपराएं सबको अपने मुताबिक जीने का अधिकार देती हैं।हम चाहते हैं तुम इसे अपना घर मानकर रहो और ये तभी संभव होगा जब तुम सहज और खुश रहोगी।अगर तुमसाड़ी पहन कर घूँघट करके सहज नही हो तो कल से तुम जिन कपड़ो में सहज हो वही पहनना और कुछ भी बात हो तो सीधा हमे कहना; आज से हमे अपनी सास नही माँ समझना।“

“लेकिन माँ सब लोग क्या सोचेंगे अगर मैं सूट पहनूँगी तो; यहाँ तो कोई भी सूट नही पहनता? सीमा ने पूछा। “वो भी हम ही सोचेंगे तो लोग क्या करेंगे बेटा? “ सरिता जी ने हंसकर कहा तो सभी हंस पड़े।

By | 2020-07-20T13:39:37+00:00 July 7th, 2020|Fiction|0 Comments

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